Moin-ul-Haq Stadium भारत के बिहार के पटना में स्थित एक बहुउद्देश्यीय स्टेडियम है। इसका उपयोग मुख्य रूप से क्रिकेट और फुटबॉल मैचों के लिए किया जाता है। 1969 में स्थापित, इसे मूल रूप से राजेंद्र नगर स्टेडियम के रूप में जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर मोइन-उल-हक के नाम पर रखा गया, जो एक पूर्व प्रशासक और खेल प्रमोटर थे, जिन्होंने बिहार में खेल विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
Moin-ul-Haq Stadium Ground Information Location: Rajendra Nagar, Patna, Bihar, India Coordinates: 25°36′28″N 85°10′4″E Established: 1969 Seating Capacity: 25,000 Ownership: Bihar Cricket Association Management: Bihar Cricket Association Home Teams: Indian Cricket Team, Bihar Cricket Team End Designations: Ganga End, Pavilion End International Information First One Day International: 15 November 1993 – Sri Lanka vs. Zimbabwe Last One Day International: 27 February 1996 – Zimbabwe vs. Kenya Only Women’s Test Match: 17–19 November 1976 – India vs. West Indies First Women’s One Day International: 5 January 1978 – India vs. New Zealand Last Women’s One Day International: 22 December 1997 – India vs. South Africa
Moin-ul-Haq Stadium के बारे में कुछ मुख्य तथ्य इस प्रकार हैं:
क्षमता: Moin-ul-Haq Stadium में लगभग 25,000 लोगों के बैठने की क्षमता है।
स्थान: यह पटना के एक प्रमुख इलाके राजेंद्र नगर में स्थित है।
क्रिकेट का इतिहास: Moin-ul-Haq Stadium ने रणजी ट्रॉफी खेलों सहित कई घरेलू क्रिकेट मैचों की मेजबानी की है, साथ ही कुछ अंतरराष्ट्रीय मैच भी आयोजित किए हैं। हालाँकि, इस स्थल पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच दुर्लभ रहे हैं।
बुनियादी ढाँचा: Moin-ul-Haq Stadium कभी भारत में बेहतर क्रिकेट स्थलों में से एक था, लेकिन समय के साथ, देश में अन्य आधुनिक स्टेडियमों के उदय के कारण इसका सीमित उपयोग हुआ है।
अन्य खेल: क्रिकेट के अलावा, स्टेडियम का उपयोग फुटबॉल सहित विभिन्न खेल आयोजनों के लिए किया जाता है, और कभी-कभी बड़े सार्वजनिक समारोहों या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भी किया जाता है। नवीनीकरण योजनाएँ: स्टेडियम को आधुनिक मानकों के अनुसार अपग्रेड करने और पुनर्निर्मित करने के बारे में पहले भी बातचीत हुई है, लेकिन प्रगति धीमी रही है। यह पटना में एक महत्वपूर्ण स्थल है और स्थानीय खेल समुदाय के लिए भावनात्मक महत्व रखता है।
Moin-ul-Haq Stadium का इतिहास
बिहार के पटना में Moin-ul-Haq Stadiumका क्षेत्र में खेल विकास, विशेष रूप से क्रिकेट से जुड़ा एक समृद्ध इतिहास है। यहाँ इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का अवलोकन दिया गया है:
प्रारंभिक शुरुआत:
स्थापना (1969): Moin-ul-Haq Stadium की स्थापना 1969 में हुई थी और इसे शुरू में राजेंद्र नगर स्टेडियम के नाम से जाना जाता था, जिसका नाम पटना में राजेंद्र नगर इलाके के नाम पर रखा गया था। यह उस समय बिहार के सबसे बड़े खेल स्थलों में से एक था।
नामकरण: बिहार के जाने-माने खेल प्रशासक और प्रमोटर मोइन-उल-हक के सम्मान में स्टेडियम का नाम बदलकर मोइन-उल-हक स्टेडियम कर दिया गया। मोइन-उल-हक राज्य में खेलों के विकास में एक प्रमुख व्यक्ति थे और उन्होंने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव के रूप में कार्य किया था। उनके योगदान ने क्षेत्र में खेलों, विशेष रूप से क्रिकेट, की छवि को बढ़ाने में मदद की।
क्रिकेट की उपलब्धियाँ:
अंतर्राष्ट्रीय मैच: मोइन-उल-हक स्टेडियम ने कुछ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों की मेजबानी की है। उल्लेखनीय रूप से, यहाँ दो एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) खेले गए:
भारत बनाम श्रीलंका (1993): यह मैच हीरो कप का हिस्सा था। हालाँकि, खराब खेल स्थितियों के कारण इसे छोड़ दिया गया, जिससे प्रशंसकों में निराशा हुई।
भारत बनाम जिम्बाब्वे (1996): यह एक अधिक सफल मैच था, जिसमें भारत ने आराम से खेल जीत लिया।
इन आयोजनों के बावजूद, स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए एक नियमित स्थल के रूप में नहीं उभरा, जिसका मुख्य कारण खराब बुनियादी ढाँचा और सीमित आधुनिकीकरण था।
रणजी ट्रॉफी: स्टेडियम का उपयोग मुख्य रूप से घरेलू क्रिकेट के लिए किया जाता है, खासकर रणजी ट्रॉफी मैचों और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए। यह बिहार क्रिकेट टीम और बाद में नए राज्य के गठन के बाद झारखंड क्रिकेट टीम के लिए एक प्रमुख स्थल था।
गिरावट और उपेक्षा:
बुनियादी ढाँचा चुनौतियाँ: समय के साथ, स्टेडियम को खराब रखरखाव, पुरानी सुविधाओं और निवेश की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके कारण इसका धीरे-धीरे पतन हुआ, खासकर जब भारत के अन्य हिस्सों में नए और अधिक आधुनिक स्टेडियम बनाए गए। स्टेडियम के अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा न कर पाने का मतलब था कि इसे प्रमुख क्रिकेट आयोजनों की मेज़बानी से दूर रखा गया।
छूटे हुए अवसर: अपनी क्षमता के बावजूद, मोइन-उल-हक स्टेडियम एक प्रमुख खेल केंद्र के रूप में विकसित होने के महत्वपूर्ण अवसरों से चूक गया, यहाँ तक कि उस दौर में भी जब भारत में क्रिकेट का बोलबाला था।
हाल के घटनाक्रम और भविष्य की योजनाएँ:
पुनर्निर्माण के प्रयास: हाल के वर्षों में, स्टेडियम के नवीनीकरण और उन्नयन के लिए आवाज़ उठाई गई है। ये प्रयास बिहार में खेल के बुनियादी ढाँचे को पुनर्जीवित करने और स्टेडियम को नया जीवन देने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं। हालाँकि, नवीनीकरण की गति धीमी रही है।
बिहार का खेल केंद्र: हालाँकि अब यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्थल नहीं है, लेकिन मोइन-उल-हक स्टेडियम स्थानीय और क्षेत्रीय खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में काम करना जारी रखता है। इसने कई राज्य स्तरीय क्रिकेट और फुटबॉल मैचों की मेज़बानी की है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक रैलियों और सार्वजनिक समारोहों जैसे गैर-खेल आयोजनों के लिए भी किया गया है।
महत्व:
बिहार में कई लोगों के लिए, मोइन-उल-हक स्टेडियम सिर्फ़ एक खेल सुविधा नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र की खेल विरासत का प्रतीक है। यह बिहार में क्रिकेट के शुरुआती दिनों का प्रतिनिधित्व करता है और भारत के खेल परिदृश्य में योगदान देने की राज्य की क्षमता की याद दिलाता है। संक्षेप में, जबकिMoin-ul-Haq Stadium के इतिहास में उतार-चढ़ाव रहे हैं, यह पटना के सांस्कृतिक और खेल इतिहास का एक अभिन्न अंग बना हुआ है, इस उम्मीद के साथ कि भविष्य में निवेश से इसका पूर्व गौरव बहाल हो सकता है।
Moin-ul-Haq Stadium ground information
बिहार के पटना में स्थित Moin-ul-Haq Stadium एक बहुउद्देश्यीय स्टेडियम है जिसका उपयोग मुख्य रूप से क्रिकेट और फुटबॉल के लिए किया जाता है। मैदान के बारे में मुख्य विवरण नीचे दिए गए हैं:
मैदान की जानकारी:
स्थान: राजेंद्र नगर, पटना, बिहार, भारत।
Moin-ul-Haq Stadium स्थापना: 1969.
नाम: बिहार के एक प्रमुख खेल प्रशासक और प्रमोटर मोइन-उल-हक के नाम पर, जिन्होंने इस क्षेत्र में खेलों, विशेष रूप से क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
स्वामी/संचालक: बिहार सरकार, विभिन्न स्थानीय खेल प्राधिकरणों से प्रबंधन सहायता के साथ।
क्षमता: लगभग 25,000 दर्शक।
आयाम: मैदान अपेक्षाकृत बड़ा है, हालांकि मैच की आवश्यकताओं के आधार पर विशिष्ट सीमा माप थोड़ा भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, यह भारत में क्रिकेट मैदानों के लिए सामान्य मानक का पालन करता है।
पिच और मैदान की स्थिति:
पिच का प्रकार: पिच को आम तौर पर स्पिन का समर्थन करने के लिए जाना जाता है, जैसा कि कई भारतीय उपमहाद्वीप के मैदानों में आम है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में अनियमित रखरखाव के कारण लगातार प्रदर्शन के लिए इसकी प्रतिष्ठा मिश्रित रही है।
आउटफील्ड: आउटफील्ड को कभी-कभी असमान होने और अच्छी तरह से बनाए नहीं रखने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, खासकर अधिक आधुनिक भारतीय स्टेडियमों की तुलना में। हालांकि, हाल के वर्षों में इसमें सुधार हुआ है, क्योंकि घरेलू मैचों के लिए मैदान को बेहतर बनाने के प्रयास किए गए हैं।
मौसम की स्थिति: पटना में उष्णकटिबंधीय जलवायु होती है, जिसमें गर्मियाँ और मानसून का मौसम होता है, जिससे बारिश में देरी हो सकती है, खासकर क्रिकेट के मौसम के दौरान। सर्दियों के महीने (नवंबर से फरवरी) आमतौर पर खेलों के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं, जिसमें ठंडा तापमान होता है।
खेले गए उल्लेखनीय मैच:
अंतर्राष्ट्रीय मैच:
भारत बनाम श्रीलंका (1993): हीरो कप का एकदिवसीय मैच जो खराब मैदान की स्थिति और बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था।
भारत बनाम जिम्बाब्वे (1996): एक ऐसा वनडे जिसमें भारत ने जिम्बाब्वे को आसानी से हरा दिया।
घरेलू मैच:
स्टेडियम ने कई घरेलू टूर्नामेंटों की मेजबानी की है, जिसमें रणजी ट्रॉफी मैच भी शामिल हैं, जहाँ बिहार और झारखंड की क्रिकेट टीमें खेल चुकी हैं।
फुटबॉल मैच: क्रिकेट के अलावा, स्टेडियम का उपयोग स्थानीय और क्षेत्रीय फुटबॉल मैचों के लिए भी किया जाता है।
सुविधाएँ:
स्टैंड: स्टेडियम में बुनियादी स्टैंड और बैठने की व्यवस्था है, लेकिन भारत के आधुनिक क्रिकेट स्टेडियमों की तुलना में अधिकांश बुनियादी ढाँचा पुराना है।
पवेलियन: खिलाड़ियों का पवेलियन छोटा है, और ड्रेसिंग रूम और अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रयास किए गए हैं, हालाँकि वे भारत के शीर्ष स्तरीय स्टेडियमों के मानकों से नीचे हैं।
स्कोरबोर्ड: Moin-ul-Haq Stadium में मैनुअल स्कोरबोर्ड है, हालाँकि इसे आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक स्कोरबोर्ड में अपग्रेड करने की योजना है।
रखरखाव: Moin-ul-Haq Stadium के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक अनियमित रखरखाव और आधुनिकीकरण की कमी है, जिसने हाई-प्रोफाइल मैचों की मेजबानी करने की इसकी क्षमता को प्रभावित किया है।
अपग्रेड: हालाँकि Moin-ul-Haq Stadium के नवीनीकरण और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए आह्वान किया गया है, लेकिन प्रगति धीमी रही है।
भविष्य की संभावनाएँ:
बिहार में क्रिकेट और अन्य खेलों के लिए इसे एक बार फिर से हब बनाने के लिए मोइन-उल-हक स्टेडियम के बुनियादी ढाँचे में सुधार के बारे में चर्चा हुई है। अगर इसे अपग्रेड किया जाता है, तो यह क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के आयोजनों के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में काम कर सकता है।
फिलहाल, यह स्टेडियम पटना के खेल परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है, खासकर स्थानीय और राज्य स्तरीय क्रिकेट और फुटबॉल मैचों के लिए।
Moin-ul-Haq Stadium में पांच विकेट लेने वालों की सूची
पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम ने सीमित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी की है, और परिणामस्वरूप, इस स्थल पर केवल कुछ उल्लेखनीय प्रदर्शन दर्ज किए गए हैं, जिसमें पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड भी शामिल है। स्टेडियम ने मुख्य रूप से घरेलू क्रिकेट मैचों की मेजबानी की है, और इन खेलों में पांच विकेट लेने के आधिकारिक रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की तरह अच्छी तरह से प्रलेखित नहीं हो सकते हैं।
अभी तक, Moin-ul-Haq Stadium में खेले गए अंतरराष्ट्रीय मैचों में कोई भी पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड नहीं है, क्योंकि यहां आयोजित केवल दो एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI) – 1993 में भारत बनाम श्रीलंका (बारिश के कारण रद्द) और 1996 में भारत बनाम जिम्बाब्वे – में ऐसा प्रदर्शन नहीं हुआ था।
घरेलू मैचों, खास तौर पर रणजी ट्रॉफी और अन्य राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए, विस्तृत आँकड़े ESPN क्रिकइन्फो जैसे डेटाबेस के माध्यम से उपलब्ध हो सकते हैं, लेकिन लोकप्रिय क्रिकेट रिकॉर्ड में उन्हें प्रमुखता से हाइलाइट नहीं किया जाता है।
अगर आप घरेलू मैचों में पांच विकेट लेने के विशिष्ट आंकड़ों की तलाश कर रहे हैं, तो स्थानीय क्रिकेट बोर्ड या विस्तृत क्रिकेट अभिलेखागार सबसे अच्छे संसाधन होंगे।
One Day Internationals Moin-ul-Haq Stadium
No. | Bowler | Date | Team | Opposing team | Inn | Overs | Runs | Wkts | Econ | Batsmen | Result |
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1 | Paul Strang | 27 February 1996 | Zimbabwe | Kenya | 1 | 9.4 | 21 | 5 | 2.17 | Edward OdumbeThomas OdoyoAasif KarimMartin SujiMaurice Odumbe | Won |